रविवार, 2 मार्च 2014

मोदी की रैली में कम भीड़ के सबब

सिद्धार्थ कलहंस

कल लखनऊ में हुयी मोदी की रैली में भीड़ को लेकर बड़े बड़े दावे किए गए। रैली से पहले भाजपा नेताओं ने 15 लाख लोगों के आने का दावा किया था। राजधानी के सबसे बड़े मैदान में इस बार मायावती की भीड़ का रिकार्ड तोड़ने की भी बात कही गयी। रमाबाई अंबेडकर मैदान की कुल क्षमता 6.5 लाख की है पर ज्यादा भीड़ जुटने के अंदेशे से भाजपा नेताओं ने मैदान के दोनो ओर गैलरी में दो लाख लोगों और बाहर सड़क पर कालीन बिछवा पांच लाख लोगों का और इंतजाम कर दिया। उम्मीद थी कि टिकट की आस लगाए बैठे नेता अपने साथ ज्यादा से ज्यादा भीड़ लाएंगे। लखनऊ शहर के पाषर्दों को 50-50 हजार रुपये देकर खाने के पैकेट तैयार करने को कहा गया था। दावों से उलट जब रैली में लोगों के भाषण शुरु हुए तो शीर्ष नेताओं के चेहरों पर हवाई उड़ रही थी। मैदान आधे से ज्यादा खाली और कई लोग तो रैली के परवान चढ़ने से पहले जाते दिखे। बड़े नेता भाषण सुनने में कम मोबाइल पर अपने खास लोगों से भीड़ लाने की चिरौरी करते ज्यादा दिखे। तमाम कवायद के बाद जब मोदी का भाषण खत्म हुआ तो सारे दावे फुस्स हो गए। माया अजेय रही। भाजपा सारी जुगत कर के भी अपने दावे से पांच गुना कम लोग ही जुटा पायी।